Pages

Tuesday, April 27, 2010

aana jab mere aache dn ho

आना जब मेरे अच्छे दिन हों… एक आना जब मेरे अच्छे दिन हों जब दिल मे निष्कपट ज्योति की तरह जलती हो तुम्हारी क्षीण याद और नीली लौ की तरह कभी-कभी चुभती हो इच्छा जब मन के अछूते कोने में सहेजे तुम्हारे चित्र पर चढ़ी न हो धुल की परत आना जैसे बारिश मे अचानक आ जाए कोई अच्छी सी पुस्तक हाथ या कि गर्मी में छत पर सोते हुए दिखे कोई अच्छा सा सपना दो जब दिमाग साफ़ हो खुले आसमान की तरह और् हवा की तरह स्पष्ट हों दिशाएं समुद्र के विस्तार सा विशाल हो मन् और पर्वत-सा अडिग हो मुझ पर विश्वास आना तब वेगवान नदी की तरह मुझे बहाने आना जैसे बादल आते हैं रुठी धरती को मनाने तीन आना जब शहर मे अमन चैन हो और दहशत से अधमरी न हो रही हों सड़कें जब दूरदर्शन न उगलता हो किसी मदांध विश्वनेता द्वारा छेड़े युद्ध की दास्तान आना जैसे ठंडी हवा का झोंका आया अभी-अभी आना जब हुई हो युद्ध समाप्ति कि घोषणा अभी-अभी चार आना जब धन बहुत न हो पर हो हो यानि इतना कि बारिश में भीगते ठहर कर कहीं पी सकें एक प्याला गर्म चाय कि ठंड की दोपहर में निकल सकें दूर तक और जेबों में भर सकें मूंगफलियां बैठ सके रेलगाड़ी में फ़िर लौटें बिना टिकट छुपते-छुपाते खत्म होने पर अपनी थोड़ी सी जमा-पुंजी आना जब बहुत सरल न हुई हो ज़िन्दगी पांच जब आत्म-दया से डब-डबाया हो मेरा मन जब अन्धेरे की परतें छाई हों चारो ओर घनघोर निराशा की तरह जब उठता हो अपनी क्षमता पर से मेरा विश्वास तब देखो मत आना मत आना दया या उपकार की तरह आ सको,तो आना बरसते प्यार की तरह छह छूना मुझे एक बार फिर और देखना बाकी है सिहरन वहां अब भी जहां छुआ था तुमने मुझे पहली पहली बार झुकना जैसे धूप की ओर झुके कोई अधखिला गुलाब और देखना बसी है स्मृतियों मे अब भी वही सुगंध वही भीनी-भीनी सुगंध पुकारना मुझे लेकर मेरा नाम उसी जगह से और सुनना प्रतिध्वनि में नाम वही तुम्हारा प्यारा नाम सात मुझे अब भी याद है लौटना तुम्हारे घर से रास्ते भर खिड़की से लगे रहना एक छाया का रास्ते भर बनें रहना मन में एक खुशबु का रास्ते भर चलना एक कथा का अनंतर जब घिरे और ढक ले मुझे सब ओर से तुम्हारी छाया तब आना खोजते हुए किरण की तरह अपना रास्ता आठ इतना हल्का कि उड़ सकूं पूरे आकाश में इतना पवित्र कि जुड़ सकूं पूरी पृथ्वी से इतना विशाल कि समेट लूं पूरा विश्व अपने में इतना कोमल कि पहचान लूं हल्का सा कोमल स्पर्श इतना समर्थ कि तोड़ दूं सारे तटबंध देखना मैं बदलूंगा एकदम अगर तुम आ गईं अचानक नौ देखो तुम अब आ भी जाओ हो सकता है तुम्हारे साथ ही आ जाएं मेरे अच्छे दिन

No comments: