याद आये वोह दिन , जाने क्यूँ तेरे बिन
आजकल जिंदगी लग रही अजनबी
ऐसे हालत में कोई कैसे जियें
एक ख़ुशी के लिए कितने आंसू पिए
कितने आंसू पिए ,
एक ख़ुशी के लिए कितने आंसू पिए
जाने क्या सोचकर मेरी आँख भरने लगी
यह फिजा मुहसे क्यूँ तेरी बात करने लगी
पूछते है यह मंजर इनसे कहूं
प्यार के नाम पर तुने धोके दिए
कितने आंसू पिए ,
एक ख़ुशी के लिए कितने आंसू पिए
जाने घूम आते ही तेरी याद आये मुझे
उमरर भर यह वफ़ा यूं ही आजमाए मुझे
कोई शिकवा नाही तुझसे जा बेवफा
भूल जायूँगा जो तुने वादे किये
कितने आंसू पिए ,
एक ख़ुशी के लिए कितने आंसू पिए
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